बाल निर्जीव होते हैं, फिर भी क्यों बढ़ते हैं?
बाल केरेटिन प्रोटीन के बने होते हैं। त्वचा के अन्दर एक नली में बाल की जड़ होती है। इस नली के अन्तिम भाग में एक कोश होता है। केरेटिन उसी नली में उत्पन्न होता है। बाल के आधार पर कोशिकाएँ विभाजित होकर बढ़ती हैं। एक अवस्था में बाल नली के आधार से अलग होकर गिर जाते हैं। इसके स्थान पर नली के आधार पर एक नया सूक्ष्म बाल उग आता है जो पुराने रोम को बाहर की ओर धकेलता है। इस प्रकार पुराने बालों के स्थान पर नए बाल उग आते हैं। सिर पर बाल 2 से 5 वर्षों में तथा भौंह पर 3 से 5 महीनों में प्रतिस्थापित हो जाते हैं। यद्यपि, बाल बढ़ते हैं परन्तु ये नाखून, सींग और पंख की भाँति निर्जीव होते हैं। बालों से कोई तंत्रिका संलग्न नहीं होती, इसलिए इन्हें काटते समय पीड़ा नहीं होती।