कप की चाय में चीनी को हिलाने के पश्चात् वह केन्द्र पर क्यों एकत्र हो जाती है ?
कप के जल में चीनी को चम्मच द्वारा धीरे से हिलाने से उत्पन्न गति एक छोटे क्षेत्र में तूफान द्वारा वायु की गति के समान है। कप में लम्बवत् अक्ष के चारों ओर चक्कर लगाने से एक द्वितीय धारा ऊपर-नीचे गति करती दिखाई देती है। यह धारा पार्श्व में नीचे की ओर और मध्य में ऊपर उठती है। इस द्वितीय प्रवाह के कारण अधोभाग की तह और शिखर के स्तर के मध्यवर्ती दाब में अंतर उत्पन्न हो जाता है। घर्षण के कारण अधोभाग पर दाब में कमी आ जाती है जो जल के बाहरी प्रवाह में बाधा डालती है। जल को चम्मच से चलाने से चीनी के कण कप के तल पर फैल जाते हैं और द्वितीय धारा की ऊपर वाली गति के कारण मध्य क्षेत्र में एकत्र हो जाते हैं।