जुकाम में नाक से पानी क्यों बहता है ?
जुकाम में नाक की स्रावी कोशिकाओं से विसर्जन में वृद्धि हो जाती है जिससे नासा-भित्ति पर आक्रमण करने वाले वाइरसों से रक्षा होती है। इस स्राव में मुख्यतः श्लेष्मा होती है जिसके शुष्क भार का 80 प्रतिशत भाग ग्लाइकोप्रोटीन होती है और सियालिक अम्ल या सल्फेट वर्ग या फुकोस से जुड़ी होती है। नासा स्राव में अन्य पदार्थ ये हैं-लौह से बँट लैक्टोफैरिन जो जीवाणुओं के विभाजन के विभाजन को रोकती है, और अश्रु जो नासाश्रु-वाहिनी द्वारा नाक में आते हैं। लाइसोजइम्स ऐसे जीवाणुओं को विलीन करते हैं जिनमें संरक्षी कैप्सूल की कमी होती है। नासा स्राव में ऐंटीप्रोटिएस भी होते हैं जिनका कार्य स्पष्ट नहीं है। इसमें कुछ फॉस्फोलिपिड, ट्राइग्लिसराइड और संक्रमण से लड़ने वाली प्रोटीन इम्यूनोग्लोबुलिन भी विद्यमान होते हैं।