हम पलक क्यों झपकाते हैं ? WikiHow Hindi.

हम पलक क्यों झपकाते हैं ?

Hum palak kyon jhapakte hai

आँख हमारी सबसे अधिक संवेदनशील और सबसे दुर्बल इन्द्रिय है। इसका बहुत बड़ा भाग हमारी खोपड़ी में सुरक्षित रहता है। वसा से बना हुआ इसका गर्त धक्का सह सकता है। शरीर अपने इस बहुमूल्य अंग की सुरक्षा पलकें झपककर करता है। आँखों के खुले भाग पर शरीर की सबसे पतली चमड़ी का एक परदा-जो मजबूत कार्टिलेज-जैसे रेशों से बना होता है-आँखों को ढक लेता है। पलकें संरक्षक का कार्य करती हैं जो सिकुड़कर हमारी आँखों को आँसुओं से तर कर देती हैं। ये आँसू इसके कॉर्निया पर जमे कचरे को साफ करते हैं और उसे नम रखते हैं। पलकें, जलीय आँसू-ग्रन्थि के ऊपर एक तेलीय परत बनाकर अश्रु के शीघ्र वाष्पीकरण को भी रोकती हैं। कॉर्निया अथवा नेत्रश्लेष्मा (कंजैक्टाइवा) पर कोई भी बड़ी क्षति की अनुक्रिया में ये प्रतिवर्त-रूप से बन्द हो जाती हैं। इन्हीं सभी कार्यों को पूरा करने के लिए हम पलकें झपकते हैं। अधिकांश लोग एक मिनट में 15 बार पलकें झपकते हैं। नेत्र की फोकस करने वाली मांसपेशियाँ प्रतिदिन 100,00,0 बार गति करती हैं।

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