मॉर्स कोड क्या होता है? –मॉर्स कोड एक ऐसा उपकरण है जिसके द्वारा हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश भेज सकते हैं। संदेश भेजने के लिए अक्षरों और संख्याओं को डॉट और डैश में बदला जाता है। नीचे दिए गए चित्र में अक्षरों और संख्याओं के लिए डॉट और डैश दिखाए गए हैं।
टेलीग्राफ का आविष्कार सैमयुल मोर्स ने किया था। उन्होंने इस कोड का इस्तेमाल करके एक स्थान से दूसरे स्थान तक अत्यन्त तीव्र गति से संदेश भेजने की युक्ति का विकास किया था। पैमाना या फुट्टा डाकघरों में बहुत लम्बे समय तक तार द्वारा संदेश भेजने के लिए यही कोड प्रयोग होता रहा। आप भी अपना मॉर्स कोड इस प्रकार बना सकते हो।
उद्देश्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर संदेश भेजने के लिए मॉर्स कोड बनाना ।
आवश्यक सामान लकड़ी का एक चौकोर टुकड़ा, दो रबड़ बैंड, पेंसिल, कार्क के टुकड़े, एक बैटरी, ड्राइंग पिन, एक छोटा-सा बल्ब तथा एक लकड़ी का फुट्टा ।
मॉर्स कोड बनाने की विधि-
(1) लकड़ी का एक चौकोर टुकड़ा लो और उस पर एक रबर बैंड से एक बैटरी लगा दो ।
(2) दूसरे रबड़ बैंड से एक फुट्टे को लगा दो। इसके नीचे चित्र के अनुसार पेंसिल लगा दो ।
(3) फुट्टे के नीचे तार के साथ जोड़कर ड्राइंग पिन लगा दो ।
(4) बैटरी के एक टर्मिनल से तार जोड़कर और इसका दूसरा सिरा नंगा करके टेप से चिपका दो।
(5) ड्राइंग पिन से लगे तार और बैटरी के दूसरे टर्मिनल से तार जोड़कर एक बल्ब के साथ दोनों तारों को जोड़ दो।
(6) जब आप फुट्टे को दबाएंगे और जैसे ही यह ड्राइंग पिन का स्पर्श करेगा वैसे ही बल्ब जल जाएगा। थोड़ी देर के लिए सम्पर्क करवाना डॉट बनाता है और अधिक देर तक के लिए सम्पर्क करवाना डेश बनाता है।
इस प्रकार आप डॉट और डैश का अभ्यास करके मॉर्स कोड का प्रयोग कर सकते हैं।.