पुच्छल तारा कभी-कभी क्यों दिखाई देता है? Why is a comet sometimes visible? WikiHow Hindi.

पुच्छल तारा कभी-कभी क्यों दिखाई देता है?

पुच्छल तारे विचित्र, लम्बी पुच्छ वाले उज्जवल गोलक की भांति दिखाई देते हैं। सौर सिस्टम में अनेक ग्रह और पुच्छल तारे हैं। कुछ पुच्छल तारे विशाल दीर्घवृत्ताभ मार्ग में गति करते हैं तथा कुछ अणुवृत्त मार्ग में चलते हैं जो एक ओर से खुला होता है। इसलिए अणुवृत्त में करने वाला पुच्छल तारा अपने जीवनकाल में सूर्य के निकट केवल एक ही बार आता है। ऐसे पुच्छल तारे एक बार ही दिखाई देते हैं और बाद में सदैव के लिए लुप्त हो जाते हैं।

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Why is a comet sometimes visible.

पुच्छल तारों में चन्द्रमा की भांति अपना कोई प्रकाश नहीं। ये सूर्य के प्रकाश पड़ने से ही चमकते हैं। इसलिए जब सूर्य के निकट आते हैं। तो दिखाई देते हैं। पुच्छल तारे में कोई पूंछ नहीं होती। प्रत्येक पुच्छल तारा कणों का एक विशाल गोलक है जो बर्फ, मिथेन, एमोनिया आदि के शीतल कणों से बना होता है। जब यह समूह परिभ्रमण करता हुआ सूर्य के निकट आता है जो यह सौर विकिरण से दीर्घ पुच्छ प्राप्त कर लेता है। सूर्य ऊर्जा और चार्ज-कण अधिक निकालता है और गैस के समूह को विपरीत दिशा में दबाता है जिससे कणों की धारा पुच्छ की आकृति में प्रवाह करती है। यह 40-50 लाख कि0मी0 तक लम्बी हो सकती है।

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