डॉक्टर आँख के ऑपरेशन के बाद हरे रंग की पट्टी क्यों बाँधते हैं ?
हमारी आँख से दिखाई देने वाले प्रकाश की तरंग की लम्बाई सात से चार हजार ऑस्ट्रान यूनिट है। यह प्रकाश आँख के पर्दे से निकलने वाले रंग रोडॉप्सिन में अवशोषित होती है तो यह रंग रेटिनल में बदल जाता है। रेटिनल ऑक्सीकृत विटामिन-ए है। रेटिनल के साथ यह एक तरह की रंगीन प्रोटीन, अपसिन में भी परावर्तित हो जाती है। इस तरह की क्रिया से आँख के परदे से जुड़ी रॉड्स में प्रकाश तांत्रिक ऊर्जा में बदल जाता है जिससे नाड़ी-प्रणाली के द्वारा मस्तिष्क में रंगों का अनुभव होता है। प्रकाश में उपस्थित सात रंगों में सबसे अधिक तरंग की लम्बाई लाल रंग की होती है जबकि सबसे कम तरंग की लम्बाई बैगनी रंग की होती है। हरे रंग की तरंग की लम्बाई लगभग पाँच हजार ए. यूनिट है जो इस श्रेणी में मध्य में आता है। ऑपरेशन के समय आँखों को तेज रंगों से बचाया जाता है। यदि सबसे कम तरंग वाले प्रकाश ( बैगनी रंग) का कपड़ा प्रयोग किया जाए तो आँखों को आवश्यकता के अनुसार प्रकाश नहीं पहुँचता, जिससे देखने में कठिनाई होती है। मध्य तरंग की लम्बाई वाले हरे रंग के प्रयोग से आँख के पर्दे पर शीघ्रता से प्रतिक्रिया नहीं होती। इसलिए आँख का ऑपरेशन करने के बाद हरे रंग की पट्टी बाँध दी जाती है। डॉक्टर भी ऑपरेशन के समय हरे रंग के कपड़े पहनते हैं।